पानी की हर बूंद कीमती है ये बात हर कोई जानता है लेकिन पुणे की रोजलैंड रेजीडेंसी सोसाइटी (Roseland Residency, a housing society) इस बात पर अमल भी करती है। तभी तो इस रेजिडेंट सोसाइटी में कुछ साल पहले तक पानी के लिये रोजाना हजारों रुपये खर्च करने पड़ते थे, लेकिन आज इस सोसाइटी में रहने वाले लोगों की एकजुटता की वजह से ना केवल लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी सप्लाई हो रहा है बल्कि पैसे की बचत भी हो रही है। आज रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) में बारिश के पानी को रिचार्ज कर उसे दोबारा इस्तेमाल लायक बनाया जाता है। जिसके बाद सोसाइटी के लोग अपनी जरूरत के मुताबिक पानी को बोरवेल की मदद से हासिल कर रहे हैं। रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) की इस कोशिश से ना केवल जमीन के नीचे पानी का स्तर बढ़ा है, बल्कि आसपास की दूसरी जगहों में भी पानी का स्तर ऊपर आया है।
रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) में 35 टावर हैं। इनमें करीब 1हजार परिवार रहते हैं। साल 2008 में पुणे (Pune) की इस सोसाइटी के सभी बोरवेल जलस्तर नीचे गिरने के कारण सूख गये थे। ऐसे में पुणे कॉरपोरेशन (Pune Corporation) ने भी उनको जरूरत के मुताबिक पानी देने पर हाथ खड़े कर दिये थे। हालात ऐसे बन गये थे कि सोसाइटी को पुणे कॉरपोरेशन (Pune Corporation) से जरूरत का केवल 30 प्रतिशत पानी ही मिल रहा था। ऐसे में सोसाइटी में रहने वाले परिवारों को काफी दिक्कतें पेश आईं। तब इस समस्या का हल निकालने के लिये इसी सोसाइटी में रहने वाले संतोष मास्कर (Santosh Maskar) आगे आये, जो साल 2007 से इस सोसाइटी में रह रहे थे। उस वक्त वो रोजलैंड रेजीडेंसी की आरडब्लूए के अध्यक्ष भी थे। संतोष मास्कर ने इंडिया मंत्रा (India Mantra) को बताया कि
2008-09 में हमारी सोसाइटी में रोजाना कुल खपत का 70 प्रतिशत पानी टैंकर से पूरा होता था। इसके लिये हर रोज 35 से 40 टैंकर पानी मंगाना पड़ता था। तब पानी के एक टैंकर की कीमत 8सौ से 1हजार रुपये होती थी। वहीं टैंकर के पानी की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती थी।
इसके बाद साल 2009 में रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) के लोगों ने बैठक कर और इंटरनेट पर काफी रिसर्च कर इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की। तब सामूहिक रुप से फैसला लिया गया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rain Water Harvesting System) से इस समस्या का समाधान निकाला जाये। बैठक में तय हुआ कि बारिश के पानी को थोड़ा फिल्टर करके बोरविल में डाला जाये। इसके लिए सोसाइटी के लोगों ने मिलकर एक पायलट प्रोजेक्ट बनाया। शुरूआत में यहां के 3 टावरों पर बारिश के पानी से रिचार्ज करने का प्रयोग किया गया। इसके लिए बिल्डिंग की छत में जमा बारिश के पानी को स्टैंड फिल्टर के जरिये सीधे बोरवेल में डाला गया। ऐसा करने से अगले साल गर्मियों में 2-3 बोरवेल में पानी आना शुरू हो गया। इस तरह के परिणाम से सोसाइटी के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होने हर साल धीरे-धीरे दूसरे बोरवेल में भी रेन हार्वेस्टिंग प्लांट (Rain Water Harvesting Plant) लगाने शुरू कर दिये। पिछले साल तक रोजलैंड रेजीडेंसी के 30 टावरों में ये काम पूरा हो चुका है जबकि इस साल बचे हुए 5 टावरों में ये काम पूरा हो जायेगा। जिसके बाद सोसाइटी के सभी बोरवेल रेन हार्वेस्टिंग के जरिये रिचार्ज हो जायेंगे। संतोष का कहना है कि
साल 2009 में हमने 70 प्रतिशत पानी के टैंकर बंद कर दिये थे, जबकि साल 2010 से हमने एक भी टैंकर बाहर से नहीं मंगवाया है। पुणे कॉरपोरेशन (Pune Corporation) से मिलने वाले पानी का इस्तेमाल हम पीने के लिए करते हैं, जबकि बोरवेल के पानी का इस्तेमाल हम दूसरे कामों के लिए करते हैं। इस तरह से हमारा सालाना 25 से 30 लाख रुपये बच जाता है, जो पहले हमें टैंकर मंगवाने में खर्च करने पड़ते थे।
रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) में रहने वाले लोगों की सामूहिक कोशिश की आज हर कोई तारीफ कर रहा है, लेकिन शुरूआत में इस काम के लिये सोसाइटी के ही काफी लोगों को समझाने में कई दिक्कतें आईं। तब आरडब्लूए के अध्यक्ष संतोष मास्कर (Santosh Maskar) ने लोगों को समझाया की इसके पायलट प्रोजेक्ट पर करीब 40 हजार रुपये का खर्चा आयेगा। साथ ही उन्होने लोगों से कहा कि अगर बारिश के पानी से सोसाइटी की जमीन का जलस्तर नहीं बढ़ा तो आसपास की किसी दूसरी सोसाइटी का जलस्तर जरूर बढ़ेगा। ऐसे में भले ही रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) को फायदा ना हो लेकिन किसी ना किसी को तो इसका फायदा जरूर मिलेगा, वहीं ऐसा करने से प्रकृति का भी भला होगा। स्थानीय लोगों को संतोष की ये बात पसंद आई और उन्होने इस काम के लिए अपनी सहमति दे दी साथ ही इसके लिए 60हजार का फंड भी सोसाइटी के फंड से दे दिया गया।
आज रोजलैंड रेजीडेंसी (Roseland Residency) के लोग इस काम को दूसरी सोसाइटी तक पहुंचाना चाहते हैं। ऐसा होने से पुणे (Pune) की दूसरी रेजिडेंट सोसाइटी में पानी की दिक्कत को दूर किया जा सकेगा। साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) से जमीन का जलस्तर भी ऊपर लाया जा सकेगा। इसके लिए रोजलैंड रेजीडेंसी के सदस्य दूसरी रेजिडेंट सोसाइटी में जाकर सेमिनार आयोजित करते हैं। इसके लिए वो लोगों को अपनी सोसाइटी का उदाहरण देते हैं। पानी की बचत के लिये जल्द ही पुणे कॉरपोरेशन (Pune Corporation) एक सेमिनार का आयोजन करने वाला है। जहां पर संतोष मास्कर (Santosh Maskar) को भी बुलाया गया है। उम्मीद है कि सेमिनार की वजह से 2 हजार लोगों तक उनकी बात पहुंच पाएगी।